किसी को सफलता रातों रात और एकाएक नहीं मिलता है | कभी कभी देखने में लगता है कि कोई रातों रात सफल हो गया -स्टार बन गया | परन्तु ऐसा नही है | सफलता के पीछे धीरज और लगन से लगातार किया गया मेहनत होता है | धैर्य और लगन से लगातार धीरे धीरे किए गए कार्य से,परिश्रम से सफलता मिलती है | कोई शॉर्टकट नहीं है |
साधरणतः लोग सफल नहीं हो पाते है ,क्यू कि उनको अपना लक्ष पता नही होता है | जब ठीक से लक्ष ,मंजिल नही मालूम होगा तो सफलता मिलेगी केसे |
कुछ लोगों को अपना लक्छ तो मालूम होता है परन्तु वे बहुत जल्दी परिणाम पाना चाहतें है जो असंभब है | तुरंत परिणाम नहीं मिलने से वे ऊब कर अपना नया लक्ष खोज कर उस पर मेहनत करते है |फिर वही कहानी दुहराते है|
हमारे हर दिनों के अच्छी आदतों से हमारे जीवन का जीने का गुणवत्ता बढ़ती है | गुणवत्ता अच्छी आदतों से कोई भी लक्ष प्राप्त होती है | अच्छे गुण अच्छी आदतों के कारण लक्ष के और धीरे धीरे ही सही, प्राप्त करने के और बढ़ते है | हमलोग अच्छे गुण अच्छी आदतों के बारे में जानना चाहते है ,और अपनाना चाहते है ,|
परन्तु बुरे गुणों ( नेगटिव विचार ) के विषय में जानकारी नहीं रखते है | इस लेख में आज कुछ बुरे गुणों ( नेगटिव विचार ) के विषय में जानकारी प्राप्त करेंगे |
- सभी को हाँ कहना: हर कोई आपसे अपना काम करवाना चाहते है| अपना मतलब साधना चाहते है| और आप अपना रिश्ता ,दोस्ती निवाहने के कोशिश उनके बात मान लेते है | उनके काम करने के कारण आप अपने काम पर पूरा ध्यान नहीं दे पाते है | आपका काम पूरा नहीं होता है जिससे काम का बोझ बढ़ता जाता है | आप ज्यादा समय तक काम करते है ,मानसिक एवं शाररिक स्वास्थय पर असर होता है | मानसिक अवसाद के शिकार हो जाते है | उस वक्त कोई आपको नहीं पूछता है |
- इस लिए ना कहने की आदत डालिये | शालीनता से मना कर दे ,एक दो बार के बाद वे समझ जायेगे और आप से अपने काम करने के बारे में नहीं कहेगे | हो सकता है आपसे नाता तोड़ ले ,परन्तु इससे आपके सेहत पर अच्छा प्रभाव होगा |
- अपने स्वास्थय को प्रमुखता न देना : हम लोग अपने स्वास्थय पर ध्यान नही देते है,सिर्फ काम पर ध्यान रहता है | इस दुनिया में जिन्दा रहने और दुसरो से आगे होने के ललक में हम अपने स्वास्थय को भूल जाते है | न खाने का समय न सोने का | इससे धीरे धीरे कई बिमारियाँ हमें जकड़ लेते हैं ,उदहारण के लिए उक्त रक्तचाप,चीनी की बीमारी हो जाता है | मानसिक तनाव, से अवसाद हो जाता है | कार्य करने के छमता घट जाती है गुणवत्ता काम जाती है |
- अपने स्वास्थय को प्रमुखता दें इसके लिए मैं कुछ बातें कहना चाहता हु,इसके विषय में कई लेख आपने पढ़े होंगे | अनुरोध है कि कुछ पर ध्यान देने एवं अमल में लाने की कोशिस जरूर करें | | अपने स्वास्थय को प्रमुखता देने के लिए
- सुबह उठ जाना सूर्योदय के पहले
- योग्याभ्यास
- व्यायाम करना
- पौस्टिक एवं संतुलित समय पर आहार
- भरपूर गहरी निंद
- परिवार और मित्रों के साथ समय गुजारना |
इससे कार्य शैली और गुणवत्ता में सुधार होगा |
कई काम एक साथ करना : इस समय हमें बहुत काम करने होते है ,एवं जल्दी करना होता है ,जिसके कारण एक वक्त में कई काम करना होता है | यह बहुत गलत है | एक साथ कई काम करने से मानसिक एवं शारीरिक थकन होता है जिससे कार्य प्रभावित होता है |
इसके लिए प्रमुख काम को पहले करे ,उसके बाद के महत्ब्पूर्ण काम को पूर्ण करे | इस लिए एक वक्त में एक काम पर पूरा ध्यान दे कर काम करे ,उसके बाद ही दूसरे काम को हाथ में लें |
किसी से अपनी तुलना करना : किसी से अपनी तुलना करने के गंदी आदत तुरंत छोड़ दें | हर आदमी अलग है ,हर आदमी की जरुरत अलग है | अगर आप संतुस्ट एवं खुश रहना चाहते है तो किसी से अपनी तुलना न करें |
हमेशा सही और पूर्ण होने की इच्छा : हमेशा हमेशा सही और पूर्ण होने की इच्छा परेशानी का बहुत बड़ा कारण है | आप हर वक्त सही नही हो सकते हैं ,यह देखने बाले पर निर्भर करता है | गलती सबसे होती है ,परन्तु उस गलती को दुबारा नहीं किया जाना आपको सफलता के और ले जाता है | गलती होने पर उसे मान लेना चाहिय | तनाव नहीं लेने का | कोई भी पूर्ण एवं सही नही है | आप भी औरों की तरह ही है |
दूसरे में दोष निकालना : दूसरे में दोष निकालने एवं दूसरे की शिकायत करने के आदत भी अहम सफल नहीं होने देती है ,अतः इस को तुरंत छोड़ देना है |
शांत मन से विचार करने पर उम्मीद है की आप मेरे आलेख से सहमत होगें | आप अपने विचार और सुझाब भेजें ,जिससे इस तरह के आलेख में सुधार हो सके |
आलेख पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद |
