मातृ दिवस २०२३ |Mother’s Day 2023 Hindi

प्रस्तावना 

मातृ दिवस हमारी जननी मां को अर्पित है। भगवान ने प्रत्येक जीव को मां जरूर दी है और  भगवान स्वम्  माँ  के रूप में बच्चे के पास होते है | मां अपने  बच्चे का दुख दर्द बिना बताये जानते है | माँ बच्चों के जरुरत को जानते है | बताने कि जरुरत नहीं होती वो महशूस कर लेती है| मां अपने बच्चे की रक्षक होती हैं। समाज में माँ का प्रभाव जगजाहिर है | मां एक भगवान का स्वरूप होती है।मातृ दिवस में माता के प्रभाव को इंगित करने का दिवस है | 

  1. प्रस्तावना 
  2. मातृ दिवस कब मनाया जायेगा 
  3.                                                         इतिहास 
  4.                                                              आलोचना 
  5.                                                   मातृ दिवस किस तरह  मनायें 
  6. अस्वीकरण:  इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार विभिन्न लेखों]संचार माध्यमों से लिए गए है और सभी सूचनाएँ मूल रुप से प्रस्तुत की गईं हैSaA व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार नहीं हैं तथा इसके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है|

इस वर्ष मातृ दिवस इस वर्ष १४ मई २०२३ को मनाया जायेगा | इस दिन  पुरे संसार में माँ को सम्मान देते हुए उत्सव मनाया जाता है | परन्तु संसार के कई देशों में यह अलग अलग दिनों में अलग अलग नामों से  मनाया जाता है | 

परिवार के अन्य सदस्यों के प्रति सम्मान को प्रदर्शित करने के लिए भी इस तरह के आयोजन किए जाते हैं | जैसे (फादर्स डे ) पिता दिवस ,पितामह दिवस ,(ग्रैंडपारेन्ट्स डे )इत्यादि | 

मातृ दिवस कब मनाया जायेगा 

हमारे देश में मातृ दिवस  इस वर्ष १४ मई को मनाया जायेगा | इस दिन  लगभग पुरे संसार में माँ को सम्मान देते हुए उत्सव मनाया जाता है | परन्तु  संसार के कुछ  देशों में यह अलग अलग दिनों को  मनाया जाता है | 

                                                        इतिहास 

माँ को सम्मानित करने का इतिहास आदम काल से चल रहा है | ग्रीक और रोमन साम्राज्य से ही मातृ दिवस मनाने का उल्लेख है | आधुनिक सरकारी  मातृ दिवस मई १९०८ में सुरु हुआ | किसने इसका शुरुआत किया इसके विषय में  हमलोग आगे  जानकारी प्राप्त करेंगे | 

भारत वर्ष तो  मातृ प्रधान देश है |  माँ का नाम पिता के पहले आता है ,उदाहरण के लिए यहां ‘ मात-पिता ‘कहा जाता है  न के पिता -माता | इस देश में माँ के पूजा का रिवाज़  परंपरा  है | पुत्र या पुत्री जब कभी कुछ कमा कर आता है तो सबसे पहले अपना पहला कमाई वह माँ को समर्पित करता है | माँ पुरे परिवार को बांध कर  रखती  है | कहीं बाहर से आने पर लोग सबसे पहले अपने माँ के पास जाते हैं | 

वे बहुत खुसनसीब है जिनकी माँ अभी हैं |  

मातृ दिवस माँ के लिए सम्मान को प्रदर्शित करने का आधुनिक तरीका है | इसका शुरुआत ‘सन्युक्त राज्य अमेरिका से हुआ है | 

अन्ना जार्विस के द्वारा बीसवीं शताब्दी के शुरुआत में  १९०८ में किया गया| इसके शुरुआत में माँ का पूजा की गई और मातृ दिवस सेवा का आयोजन किया गया | इन्होने पूजा विधि के पालन के रूप में इसका प्रारंभ किया | कई मुल्कों में इस दिन सरकारी अवकाश रहता है |  विडम्वना यह भी है की अन्ना जार्विस को कोई संतान नहीं थी | 

मातृ दिवस  के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए ,तात्कालिक अमेरकी राष्ट्रपति वुडड्रॉव विल्सन  (Wooddrow wilson ) ने  १९१४  में ,मई के दूसरे रविवार को मातृ दिवस मनाने के अध्यादेश जारी किया |  

                                                             आलोचना 

 कुछ लोगो  की मान्यता है की यह माताओं और मातृत्व के पारंपरिक समारोहों उत्सवों से,  जो कई सदियों से मनाई रहीं है  से सीधे सम्बंधित नहीं है ,परन्तु इस दिवस /पर्व के द्वारा हम  माताओं  का आदर सम्मान करते हैं | मातृत्व के व्यपाक स्वरुप के स्मरण के लिये करते है | माँ के त्याग बलिदान को याद करते हैं | 

कुछ धर्म में  दिवस मानाने की कोई अवधारणा नहीं है ,परन्तु इस्लाम में भी माँ को महत्वपूर्ण माना गया है | 

मातृ दिवस का अत्यधिक व्यावसयिकरण हो गया है | इस दिन माँ को विभिन्न प्रकार के उपहार देने की परंपरा शुरु की गई,जिससे कई  कम्पनियों  को लाभ हे लाभ होता है | 

मातृ दिवस का अत्यधिक व्यावसयिकरण होने पर अन्ना जार्विस के द्वारा भी इस पर खेद व्यक्त किया गया और उनके द्वारा कहा गया की उनका यह इरादा कभी नहीं था | और अपने अंत समय में इसको रोकने का प्रयास भी किया था | कार्ड्स ,फूलों का गुच्छा कैंडल और अन्य उपहार देने के वो खिलाफ थीं | इसका विरोध भी किया था | परन्तु उनके विरोध का कोई प्रभाव नही पड़ा और यह उपहार देने की परंपरा सुरसा के मुंह की तरह बढ़ता ही  गया और अभी भी बढ़ता   जा रहा है | 

अमेरिका में शुरु होने वाले इस दिवस को उन कम्पनियों के द्वारा प्रचारित एवं प्रसारित किया गया जिसे इस में अपना लाभ दिखा | इन कम्पनियों के द्वारा मातृ दिवस को लोकप्रिय बना दिया है | परन्तु कम्पनियों के द्वारा किये गए प्रचार प्रसार से यह बढ़ता गया | मातृ दिवस में कार्ड्स ,फूलों का गुच्छा ,कैंडल और अन्य उपहार देने में करोड़ो करोड़ों का व्यपार होता है  जो हर वर्ष बढ़ते जा रहा है | | 

                                                  मातृ दिवस किस तरह  मनायें 

कई देशों में परिवार बिखर रहा है ,या बिखर चूका है,खास कर  उन देशों में यह बहुत जरूरी प्रतीत होता है | लोग  मातृ दिवस के दिन कम से कम  एक दिन माँ को याद करते है | उनको उपहार भेज देते हैं ,हैप्पी मदर्स डे का कार्ड भेज देते है | और टेलीफोन से ही  हैप्पी मदर्स डे कह कर अपना फर्ज अदा कर देते है ,जिससे माँ खुश हो जातीं है कि चलो कम से कम एक दिन तो हमारे बच्चों ने हमें याद किया | परन्तु माँ को वास्तविक खुशी अपने बच्चों के साथ बैठने बात करने में होती है | इसीलिए कई देशों में मातृ दिवस पर अवकाश रहता है  कि लोग अपने माँ के पास जा सकें | | 

माँ को प्रणाम करने ,उनके पास बैठ जाना ,उनकी बातों पर ध्यान देना ही माँ के लिए सबसे बड़ा उपहार होता है |

तो इस बार अपने माँ के पास उनका हाल चाल जानने और उनके पास बैठ कर बातें करने का प्रोग्राम बनाएं ,और अपने से उनको उपहार,भेँट दिया जाए  | 

अस्वीकरण:  इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार विभिन्न लेखों]संचार माध्यमों से लिए गए है और सभी सूचनाएँ मूल रुप से प्रस्तुत की गईं हैSaA व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार नहीं हैं तथा इसके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है|

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