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इस लेख में हम जानकी जयंती के विषय में बहुत कुछ जानेंगे | जानकी जयंती कब मनाया जाता है,इसका महत्व एवं बहुत कुछ | आने वाले पीढ़ी को अपने उत्सवों के विषय में जानकारी देना इस लेख का उद्देश्य है |
Table of contents
1. जानकी नवमी कब मनाया जाता है
2.जानकी नवमी कँहा मनाया जाता है
3.जानकी नवमी का इतिहास
4.जानकी नवमी कई नाम
5.जानकी नवमी के पौराणिक कथा
6.जानकीनवमी का महत्व
जानकी नवमी कब मनाया जाता है
भारतवर्ष में कई तरह के त्योहार मनाए जाते हैं, जानकी नवमी का पावन त्योहार उनमें बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है | जानकी नवमी का त्योहार हर वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्छ के नवमीं दिवस को मनाया जाता है | इस वर्ष 2023 में जानकी नवमी 29 अप्रैल April को मनाया जाना है | इसे सीता नवमी भी कहते है| इस दिन ही माँ सीता का धरती पर अवतरण हुआ था |
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जानकी नवमी कँहा मनाया जाता है
जानकी नवमी पुरे भारतवर्ष में मनाया जाता है | इसके आलावा नेपाल वर्मा भूटान इत्यादि देशों में भी बहुत धूम धाम से मनाया जाता है | विदेशों में रहने बाले भारतवासी अपने देशों में धूम धाम से जानकी नवमी मनाते है | हालाँकि रामनवमी के जैसा धूम धाम नहीं रहता है फिर भी बहुत धूम धाम से जानकी नवमी मनाते है |
जानकी नवमी में सुबह स्नान ध्यान कर माँ सीता के साथ साथ श्री राम की पूजा अर्चना की जाती है | माँ सीता के बिना श्री राम अधूरे हैं और श्री राम के बिना माँ सीता की कल्पना नहीं की जा सकती है ,इस लिए सीता -राम कहा जाता है |
जानकी नवमी का इतिहास
सीता माता का जन्म मिथला में हुआ था | माँ सीता मिथला नरेश राजा जनक की सबसे बड़ी पुत्री थीं | इनकी शादी स्वयम्बर में शिव धानुष को तोड़ने के बाद अयोध्या के राजा दशरथ के बड़े पुत्र के साथ संपन्न हुआ |इसी के साथ राजा जनक के पुत्री उर्मिला का विवाह लछमण से ,मांडवी का विवाह भारत से एवं श्रुतिकृति का विवाह शत्रुघन से संपन्न हुआ | विवाह के बाद सभी अयोध्या लौट आए | भगवान श्री राम और माता सीता का दाम्पत्य जीवन सुखमय था|
पौराणिक मान्यता के अनुसार राजा जनक और रानी सुनयना को कोई संतान नहीं थी इससे वे बहुत दुखी रहते थे| वे एक पवित्र आत्मा थे और धार्मिक कामों में लगे रहते थे |एक बार मिथला में बहुत दिनों से बारिश नही हुई जिसके कारण वहां भयंकर अकाल पड़ा | जिससे उनके प्रजा बहुत परेशान हो गई| प्रजा के दुख देखकर वे बहुत दुखी हो विद्वानों ,ऋषि मुनियोंसे सलाह किया| एवं उनके सलाह पे राजा जनक ने खेतों में हल जोतना शुरू किया| एक दिन खेतों में हल जोतते समय खेत में हल अटक गया| जब बहुत कोशिशों के बाद भी हल नही निकला तो,उसके आस पास के माटी को खुदाई कर हटाया गया | तो एक सूंदर से बक्सा में हल का नोक फस गया था | उस बक्सा को बाहर निकला गया |
बक्सा खोलकर देखा गया तो राजा रानी बहुत खुश हुए क्योंकि उसमें एक बच्ची थी | राजा जनक और रानी सुनयना ने इस बच्ची को भगवान का तोहफा समझ स्वीकार किया | हल की नोक को सीता कहते हैं जिससे इनका नाम सीता हुआ | इन्हें जानकी ,जनकसुता ,जनकात्मजा ,भूमिपुत्री,भूसुता और मैथिली भी कहा जाता है |
उस समय मिथला में भारी बारिश हुई जिसके बाद अकाल ख़तम हो गया |
रामयण हिन्दुओ का एक बहुत ही पवित्र ग्रन्थ है | रामयण के अनुसार भगवान श्री राम को पिता के आदेश से चौदह साल का वनवास हुआ , माँ सीता भी अपनी परवाह नहीं करते हुए अपने पति श्री राम के साथ वन गई | सभी सुख से ज्यादा अपने पति के सुख दुःख का ख्याल रखा | अपना पूरा जीवन श्री राम के लिय अर्पित कर दिया था |
रामयण हिन्दुओ का एक बहुत ही पवित्र ग्रन्थ है | जिसमे माँ सीता के अपहरण का जिक्र है | रावण के द्वारा माँ सीता के अपहरण कर लिया गया ,जो असुरो के नाश का कारण बना | माँ सीता के अपहरण से श्री राम बहुत दुखी हुए और असुरों के साथ युद्ध में असुरों का नाश किया |
पौराणिक मान्यता है कि त्रेता युग में भगवान विष्णु ने मृत्यु लोक में श्री राम के रूप में धरती पर असुरों के अत्याचार का नाश करने के लिए सातवाँ अवतार लिया था | भगवान श्री राम ने धरती पर असुरो का नाश कर उनके अत्याचार को खत्म कर के न्याय, सत्य , सदभावना पर आधारित साम्राज्य की स्थापना की | यह साम्राज्य राम राज के नाम से जाना जाने लगा |ऐसे साम्राज्य की स्थापना हर सरकार करना चाहती है | https://learn-and-fly.co.in/2023/03/16/%e0%a4%ad%e0%a4%97%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%b7%e0%a5%8d%e0%a4%a3%e0%a5%81-%e0%a4%95%e0%a5%87/
भगवान विष्णु के अन्य अवतार के विषय में यहां पढ़ें |
जानकी नवमी या सीता नवमी का महत्व
माँ सीता एवं श्री राम के ऊपर कई ग्रन्थ अनेकों भाषा में लिखे गए हैं | जिसमें रामयण हिन्दुओ का एक बहुत ही पवित्र ग्रन्थ है | सीता -राम भारतवर्ष के जन- जन, कन -कन में रचे बसें हैं | हर वर्ष रामनवमी में रामयण पर आधारित रामलीला का आयोजन कई गावों में किया जाता है जिससे मनोरंजन के साथ साथ ज्ञान भी प्राप्त होता है | सीता -राम के बिना भारतवर्ष की कल्पना नहीं की जा सकती है | माँ सीता हर नारी के लिया एक आदर्श हैं |
अस्वीकरण: इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार विभिन्न लेखों]संचार माध्यमों से लिए गए है और सभी सूचनाएँ मूल रुप से प्रस्तुत की गईं है| व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार नहीं हैं तथा इसके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है|किसी भी जानकारी या मान्यता को इस्तेमाल करने से पूर्व सम्बंधित विशेषज्ञ की राय प्राप्त कर लें |
जानकी जयंती की शुभकामनायें |
आईए जानकी जयंती की पूजा अर्चना करें
जय माँ जानकी ,जय जय माँ जानकी |
आंतरिक कड़ी :https://knowledge-festival.blogspot.com/2022/04/ram-navmi-2022-date-hindi.html
https://knowledge-festival.blogspot.com/2022/05/janki-navami.html